Geography

अध्याय 1- जनसंख्या- वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन

अभ्यास के सभी प्रश्नोत्तर

1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए –
(i). सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन सी है ? 
(क)  102.8 करोड
(ख)  318.2 करोड
(ग)   328.7 करोड
(घ)   121 करोड़


उत्तर-(घ)   121 करोड़

(ii). निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या घनत्व सर्वाधिक है? 
(क) पश्चिम बंगाल
(ख)  केरल
(ग)   उत्तर प्रदेश
(घ)   पंजाब

उत्तर-(क) पश्चिम बंगाल

(iii). 2011 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है ? 
 (क)  तमिलनाडु
 (ख)  महाराष्ट्र
 (ग)   केरल
 (घ)   गोवा


उत्तर- (घ)   गोवा

(iv).  निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है? 
(क) चीनी-तिब्बती
(ख) ऑस्ट्रिक
(ग) भारतीय -आर्य
(घ) द्रविड़

उत्तर-(ग) भारतीय -आर्य

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(I) ‘भारत के अत्यंत ऊष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है।’ इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि देश के शीत जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश आदि में जनसंख्या तथा जनसंख्या घनत्व काफी कम मिलता है। इसी प्रकार पश्चिमी राजस्थान जैसे शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र में जनसंख्या तथा जनसंख्या घनत्व कम मिलता है। देश के अन्य उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्रों में भी जनसंख्या वितरण कम पाया जाता है।

(ii) भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।

उत्तर-बिहार, सिक्किम जैसे राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत बहुत अधिक है। गोवा और महाराष्ट्र राज्यों की कुल जनसंख्या का आधे से अधिक भाग गांव में बसता है। केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली में सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत मिलता है।
     इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का कृषि प्रधान होना है।

(iii) भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है?

उत्तर- भारत के संदर्भ में ऐसा समझा जाता है कि आर्थिक विकास के निम्न स्तरों वाले क्षेत्रों में श्रम की सहभागिता दर ऊँची है क्योंकि निर्वाह अथवा लगभग निर्वाह की आर्थिक क्रियाओं के निष्पादन के लिए अनेक कामगारों की जरूरत पड़ती है।
     हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय जैसे राज्य तथा दमन-दीव तथा दादरा और नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेश में सहभागिता दर ऊँची मिलती है।

(iv) “कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है।” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- यह सही है कि कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है क्योंकि 2011 की जनगणना के अनुसार कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 54.6% कृषक तथा कृषि मजदूर हैं जबकि केवल 3.8% श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 41.6% अन्य श्रमिक हैं जो गैर- घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण, मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:
(I) भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।

उत्तर- भारत में जनसंख्या घनत्व  के  स्थानिक वितरण की विवेचना इस प्रकार है-
1) 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।1951 में देश का जनसंख्या घनत्व 117 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
2) देश में सबसे कम जनसंख्या घनत्व अरुणाचल प्रदेश में मिलता है जो 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर(2011) है।
3) देश में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर तक है।
4) उत्तरी भारत के राज्यों बिहार (1102), पश्चिम बंगाल (1029) तथा उत्तर प्रदेश (829) में जनसंख्या घनत्व अधिकतम मिलता है।
5) प्रायद्वीपीय भारत के राज्यों में केरल (859) तथा तमिलनाडु (555) में उच्चतर जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
6) असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, ओड़िशा में मध्यम जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
7) हिमालय क्षेत्र के पर्वतीय राज्यों तथा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में(असम को छोड़कर) कम जनसंख्या घनत्व मिलता है।
8) अंडमान और निकोबार द्वीपों को छोड़कर केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च जनसंख्या घनत्व पाए जाते हैं।

(ii) भारत की जनसंख्या के व्यवसायिक संघटन का विवरण दीजिए।

उत्तर- भारत की जनसंख्या की व्यवसायिक संघटन का विवरण इस प्रकार है-
1) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की श्रमजीवी जनसंख्या को चार प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है-
क) कृषक 
ख) कृषि मजदूर 
ग) घरेलू औद्योगिक श्रमिक
घ) अन्य श्रमिक
2) 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में मुख्य तथा सीमांत श्रमिकों का कुल अनुपात 39.8% है जबकि 60% की विशाल जनसंख्या अश्रमिकों की है। यह जनसंख्या के एक बड़े अनुपात के आश्रित जनसंख्या होने की ओर संकेत करता है।
3) 2011 की जनगणना के अनुसार देश की कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 54.6% कृषक और कृषि मजदूर(प्राथमिक सेक्टर) हैं।
4) केवल 3.8% श्रमिक घरेलू उद्योगों(द्वितीयक सेक्टर) में लगे हुए हैं।
5) 41.6% अन्य श्रमिक(तृतीयक सेक्टर) हैं जो गैर -घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण, मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं।
6) पुरुष श्रमिकों की संख्या स्त्री श्रमिकों की संख्या से तीनों सेक्टरों में अधिक है।
7) सर्वाधिक महिला श्रमिक प्राथमिक सेक्टर में कार्यरत हैं हालांकि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ी है।
8) पिछले कुछ दशकों में भारत में कृषि सेक्टर के श्रमिकों के अनुपात में कमी दिखाई दी है तथा द्वितीयक और तृतीयक सेक्टर में सहभागिता दर बढ़ी है। यह देश की अर्थव्यवस्था में सेक्टरीय स्थानांतरण है।
9) देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता की स्थानिक भिन्नता मिलती है जैसे हिमाचल प्रदेश और नागालैंड में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है जबकि बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ऐसे राज्यों में कृषि मजदूरों की संख्या अधिक है।
10) दिल्ली, चंडीगढ़ तथा पुडुच्चेरी जैसे अत्यधिक नगरीकृत क्षेत्रों में श्रमिकों का एक बहुत बड़ा अनुपात अन्य सेवाओं में लगा हुआ है। यह न केवल सीमित कृषि भूमि की उपलब्धता के कारण है बल्कि बड़े स्तर पर होने वाले नगरीकरण और औद्योगीकरण के द्वारा गैर- कृषि सेक्टरों में अधिक श्रम की आवश्यकता को भी दर्शाता है।

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