Geography

अध्याय 5(भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ)-कक्षा11

(Set1)(Set2)

(Questions-Set1)

1. पृथ्वी पर निरंतर कुछ आंतरिक बलों तथा बाह्य बलों के कारण धरातल पर परिवर्तन निरंतर हो रहा है। इन बलों को क्रमशः क्या कहा जाता है?

2. तल संतुलन (gradation) क्या है?

3. पटल विरूपण तथा ज्वालामुखीयता किस प्रकार की भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ है ?

4. अपक्षय,अपरदन तथा निक्षेपण किस प्रकार की भू -आकृतिक प्रक्रियाएं हैं?

5. भू-आकृतिक कारक किसे कहते हैं?

6. कोई दो भू-आकृतिक कारकों के उदाहरण दें।

7.  सभी प्रक्रियाएँ, जिनसे भूपटल संचलित ,उत्थापित और निर्मित होता है,वे समग्र रूप में किसके अंतर्गत आती हैं?

8. ढालयुक्त सतह पर गुरुत्वाकर्षण बल निरंतर ढाल की दिशा में कार्य करता रहता है। प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले इस बल को क्या कहते हैं जो अपक्षय,अपरदन, वृहत क्षरण तथा निक्षेपण का मूल कारण है?

9. ‘अनाच्छादन’ का शाब्दिक अर्थ क्या है और इसमें कौन-कौन सी प्रक्रियाएँ शामिल है?

10. जलवायु के दो महत्वपूर्ण घटक जो विभिन्न भू- आकृतिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं?

11.विभिन्न कारकों के कारण चट्टानों का अपने ही स्थान पर टूटना-फूटना अपक्षय कहलाता है। इसके तीन प्रकार बताएँ।

12. कार्बोनेटीकरण, ऑक्सीकरण, विलयन, जलयोजन आदि किस प्रकार की अपक्षय प्रक्रियाएँ हैं?

13. संकुचन, विस्तारण, विभंग आदि किस प्रकार की अपक्षय प्रक्रियाएँ हैं?

14. जैविक अपक्षय प्रक्रियाओं में किन जीवों की भूमिका रहती है?

15. प्याज के छिलकों की तरह चट्टानों की परतों का अलग होना क्या कहलाता है जिससे चट्टानों की सतह चिकनी तथा गोल हो जाती हैं?

(Answers-Set1)

 

  1. बहिर्जनिक बल तथा अंतर्जनित बल।
  2. धरातल पर अपरदन के माध्यम से उच्चावच के मध्य अंतर कम होने को तल संतुलन (gradation) कहा जाता है।
  3. अंतर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ।
  4. बहिर्जनिक भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ।
  5. जल, हिम, वायु जैसे प्रकृति के बहिर्जनिक तत्व जो धरातल के पदार्थों का अधिग्रहण तथा परिवहन करने में सक्षम है, को भू-आकृतिक  कारक कहा जा सकता है।
  6. प्रवाहयुक्त जल, भूमिगत जल, हिमानी, पवन, सागरीय लहरें ।
  7. पटल विरूपण।
  8. प्रतिबल(Stress)
  9. अनाच्छादन शब्द का अर्थ है- आवरण हटाना या निरावृत्त करना। इसमें अपक्षय, अपरदन, वृहत क्षरण, संचलन, परिवहन आदि सम्मिलित किए जाते हैं।
  10. तापमान एवं वर्षण।
  11. भौतिक अपक्षय, रासायनिक अपक्षय, जैविक अपक्षय।
  12. रासायनिक अपक्षय प्रक्रियाएँ।
  13. भौतिक अपक्षय प्रक्रियाएँ।
  14. केंचुओं, दीमकों, चूहों आदि।
  15. अपशल्कन।


(Questions-Set2)

1. अपक्षय से मूल्यवान खनिजों का समृद्धि करण तथा संकेंद्रण कैसे होता है?

2. क्या बृहत् संचलन में गुरुत्वाकर्षण शक्ति सहायक होती है?हाँ या नहीं।

3.ढाल के साथ-साथ चट्टानों के मलबे का फिसलना क्या कहलाता है?

4. किसी तीव्र ढाल से चट्टानों का ढाल से दूरी रखते हुए स्वतंत्र रूप से गिरना क्या कहलाता है?

5.नीलगिरी पर्वत श्रृंखला किन राज्यों से सटी हुई है?

6.क्या अपक्षय अपरदन के लिए अनिवार्य दशा है?हाँ या नहीं।

7.अपरदन के कौन से दो कारकों का कार्य जलवायु द्वारा नियंत्रित नहीं होता?

8.मृदा निर्माण के पांच प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं?

9. मृदा में नाइट्रोजन निर्धारण करने वाले  जीवाणु का नाम बताएँ।

10. क्या मृदा निर्माण में समय या काल अवधि की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है? हाँ या नहीं।

(Answers-Set2)

 

  1. शैलों का अपक्षय होने पर कुछ पदार्थ भूमिगत जल द्वारा रासायनिक तथा भौतिक निक्षालन द्वारा स्थानांतरित हो जाते हैं तथा शेष बहुमूल्य पदार्थों का संकेंद्रण हो जाता है।लंबे समय तक यह संकेंद्रण होने से खनिजों का समृद्धि करण भी होता है जिससे उनका दोहन संभव है।
  2. हाँ,बृहत संचलन में गुरुत्वाकर्षण शक्ति सहायक होती है।
  3. अवसर्पण।
  4. शैल पतन(Fall)
  5. तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल।
  6. नहीं, अपक्षय अपरदन के लिए अनिवार्य दशा नहीं है।
  7. भूमिगत जल तथा सागरीय लहरें व धाराएँ।
  8. (1)जनक शैल (2)जलवायु (3)स्थलाकृति (4)जैविक क्रियाएँ (5) समय।
  9. राइजोबियम (Rhizobium)
  10. हाँ, मृदा निर्माण में समय की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।


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