अभ्यास के सभी प्रश्नोत्तर
(i). निम्न में से कौन-सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है?
(क) एल्यूमीनियम
(ख) प्लास्टिक
(ग) सीमेंट
(घ) मोटर गाड़ी
उत्तर- (ग) सीमेंट
(क) हेल(HAIL)
(ख) सेल(SAIL)
(ग) टाटा स्टील(TATA STEEL)
(घ) एमएनसीसी(MNCC)
उत्तर-(ख) सेल(SAIL)
(क) एल्यूमीनियम प्रगलन
(ख) सीमेंट
(ग) कागज
(घ) स्टील
उत्तर-(क) एल्यूमीनियम प्रगलन
(क) स्टील
(ख) एल्यूमीनियम प्रगलन
(ग) इलेक्ट्रॉनिक
(घ) सूचना प्रौद्योगिकी
उत्तर-(ग) इलेक्ट्रॉनिक
(I) विनिर्माण क्या है?
उत्तर-कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहलाता है। जैसे- चीनी मिलों में गन्ने से चीनी उत्पादन।
उत्तर- उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक हैं-
(1) कच्चा माल
(2) जलवायु
(3) भूमि
(4) ऊर्जा स्रोत
(5) जल की उपलब्धता
उत्तर- औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले मानवीय कारक–
(1) सस्ता एवं कुशल श्रम
(2) बैंकिंग तथा बीमा सुविधाएँ
(3) परिवहन एवं संचार
(4) बाजार
(5) सरकारी नीतियाँ
(6) प्रौद्योगिकी
उत्तर- आधारभूत उद्योग-
ऐसे उद्योग जिनके उत्पादन या कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं।
उदाहरण – लोहा तथा इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग है क्योंकि अन्य सभी भारी, हल्के और मध्यम उद्योग इनसे बनी मशीनरी पर निर्भर हैं।
(I) समन्वित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योगों से कैसे भिन्न है? इस उद्योग की क्या समस्याएँ हैं? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है?
उत्तर- लोहा तथा इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग हैं क्योंकि अन्य कई भारी, हल्के तथा मध्यम उद्योग इनसे बनी मशीनरी पर निर्भर है। यह एक भारी उद्योग है क्योंकि इसमें प्रयुक्त कच्चा तथा तैयार माल दोनों ही भारी और स्थूल होते हैं। इसके लिए अधिक परिवहन लागत की आवश्यकता होती है।
इस समय भारत में 10 मुख्य संकलित उद्योग तथा बहुत से छोटे इस्पात संयंत्र कार्य कर रहे हैं
संकलित या समन्वित इस्पात संयंत्र-
ये बड़े संयंत्र होते हैं। इसमें कच्चे माल को एक स्थान पर एकत्रित करने से लेकर इस्पात बनाने, उसे ढालने तथा आकार देने तक की प्रत्येक क्रिया की जाती है।
मिनी इस्पात उद्योग-
ये छोटे संयंत्र हैं जिनमें विद्युत भट्टी, रद्दी इस्पात व स्पंज आयरन का प्रयोग होता है। इनमें रि- रोलर्स होते हैं जिनमें इस्पात सिल्लियों का प्रयोग किया जाता है।ये हल्के स्टील या निर्धारित अनुपात के मृदु व मिश्रित इस्पात का उत्पादन करते हैं।
लोहा इस्पात उद्योग की समस्याएँ–
वर्ष 2019 में भारत संसार में कच्चे इस्पात उत्पादकों में दूसरे स्थान पर था। यह स्पंज लोहे का भी सबसे बड़ा उत्पादक है। सार्वजनिक क्षेत्र के लगभग सभी उपक्रम अपने इस्पात को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के माध्यम से बेचते हैं।
यद्यपि भारत संसार का एक महत्वपूर्ण उत्पादक देश है तथापि हम इनके पूर्ण संभाव्य का विकास नहीं कर पाए हैं। इसके निम्न कारण हैं-
(1) उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता
(2) कम श्रमिक उत्पादकता
(3) ऊर्जा की अनियमित पूर्ति
(4) अविकसित अवसंरचना।
निजी क्षेत्र में उद्यमियों के प्रयत्न से तथा उदारीकरण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने इस उद्योग को प्रोत्साहन दिया है। इस्पात उद्योग को अधिक स्पर्धावान बनाने के लिए अनुसंधान और विकास के संसाधनों को नियत करने की आवश्यकता है।
उत्तर- अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है किंतु इनके द्वारा बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को भी नकारा नहीं जा सकता।
उद्योग चार प्रकार के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं-
(1) वायु प्रदूषण
(2) जल प्रदूषण
(3) भूमि प्रदूषण
(4) ध्वनि प्रदूषण
(1) वायु प्रदूषण–
अधिक मात्रा में अवांछित गैसों जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि की वायुमंडल में उपस्थिति वायु प्रदूषण का कारण है। विभिन्न प्रकार के उद्योग जैसे रसायन एवं कागज उद्योग,ईंट भट्ठे, तेल शोधनशालाएँ, प्रगलन उद्योग आदि के द्वारा वायुमंडल में धुएँ तथा विषैली गैसों का रिसाव होता है। इससे मानव स्वास्थ्य, पेड़ पौधों, पशुओं, इमारतों तथा पूरे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
(2) जल प्रदूषण-
उद्योगों द्वारा कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों के जल स्रोतों में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। कागज,लुगदी, रसायन, वस्त्र तथा रंगाई उद्योग, तेलशोधन शालाएँ, चमड़ा उद्योग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग आदि से निकलने वाले अपशिष्ट जल स्रोतों को प्रदूषित करते हैं। भारत के मुख्य अपशिष्ट पदार्थों में फ्लाई एश, फोस्फो- जिप्सम तथा लोहा- इस्पात की अशुद्धियाँ हैं।
जब कारखानों तथा ताप घरों से गर्म जल को बिना ठंडा किए ही नदियों तथा तालाबों में छोड़ दिया जाता है तो जल में तापीय प्रदूषण होता है।
(3) भूमि प्रदूषण-
विभिन्न कारखानों से निकलने वाले अपशिष्टों का ढेर भूमि को दूषित करता है। वर्षा जल के साथ यह प्रदूषक जमीन से रिसते हुए भूमिगत जल तक पहुँच कर उसे भी प्रदूषित कर देते हैं। मलबे का ढेर विशेषकर कांच, हानिकारक रसायन और औद्योगिक बहाव, पैकिंग, लवण तथा कूड़ा-कर्कट मृदा को अनुपजाऊ बनाता है।
(4) ध्वनि प्रदूषण-
औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, कारखानों के उपकरण, जनरेटर, लकड़ी चीरने के कारखाने, गैस यांत्रिकी तथा विद्युत ड्रिल काफी तेज ध्वनि उत्पन्न करते हैं। ध्वनि प्रदूषण से खिन्नता तथा उत्तेजना, श्रवण अक्षमता, हृदय गति, रक्तचाप तथा अन्य शारीरिक और मानसिक पीड़ाएँ बढ़ती हैं।
उत्तर- उद्योग विभिन्न प्रकार से भूमि, जल, वायु तथा ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है। इससे पर्यावरण निम्नीकरण होता है। इसे रोकने के लिए विभिन्न उपायों पर ध्यान देना जरूरी है जो इस प्रकार है-
(1) उद्योगों तथा कारखानों की स्थापना आबादी से दूर क्षेत्रों में होनी चाहिए।
(2) कारखानों द्वारा निष्कासित 1 लीटर अपशिष्ट से लगभग 8 गुना स्वच्छ जल दूषित होता है। नदियों- तालाबों में गर्म जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना चाहिए।
(3) जिन क्षेत्रों में भूमिगत जल स्तर काफी कम है। वहाँ इसके दोहन पर कानूनी प्रतिबंध होना चाहिए।
(4) वायु प्रदूषण कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियों तथा चिमनियों में इलेक्ट्रोस्टेटिक अवक्षेपण, स्क्रबर उपकरण आदि होने चाहिए।
(5) कारखानों में कोयले की अपेक्षा तेल व गैस तथा अन्य स्वच्छ ईंधन के उपयोग से वायु प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।
(6) मशीनों तथा उपकरणों में ध्वनि अवशोषक यंत्र तथा साइलेंसर आदि का प्रयोग ध्वनि प्रदूषण को कम करने में कारगर कदम है।
(7) कारखाने में काम करने वालों को कानों पर शोर नियंत्रण उपकरण भी पहनने चाहिए।
(8) उद्योगों के आसपास वृक्षारोपण तथा हरित क्षेत्र का विकास पारिस्थितिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
(9) विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जैसे राख का इस्तेमाल प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कारगर उपाय है। उदाहरण के लिए देश में कई ताप विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली फ्लाई ऐश (राख) का उपयोग वहाँ स्थापित सीमेंट कारखानों में किया जा रहा है।
(10) वर्षा जल संग्रहण तथा जल का पुनर्चक्रण करते हुए पुनः उपयोग करना चाहिए।
क्रियाकलाप उद्योगों के संदर्भ में प्रत्येक के लिए एक शब्द दें (सांकेतिक अक्षर संख्या कोष्ठक में दी गई है तथा उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है) पद सांकेतिक अक्षर संख्या उत्तर (I) मशीनरी चलाने में प्रयुक्त. (5) P…… POWER (ii) कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति (6) W… WORKER (iii) उत्पाद को जहां बेचा जाता है (6) M… MARKET (iv) वह व्यक्ति जो सामान बेचता है (8) R… RETAILER (v) वस्तु उत्पादन (7) P…… PRODUCT (vi) निर्माण या उत्पादन (11) M… MANUFACTURE (vii) भूमि, जल तथा वायु अवनयन (9) P… POLLUTION
क्रियाकलाप निम्न वर्ग पहेली में क्षैतिज अथवा ऊर्ध्वाधर अक्षरों को जोड़ते हुए निम्न प्रश्नों के उत्तर दें। नोट- पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है
G | G | G | P | V | A | R | A | N | A | S | I |
U | O | J | I | P | G | X | K | M | Q | W | V |
K | S | U | G | A | R | C | A | N | E | E | N |
O | T | T | O | N | O | Z | V | O | P | T | R |
A | U | E | L | U | B | H | I | L | A | I | U |
T | K | O | C | R | A | Q | N | T | R | L | N |
E | I | R | O | N | S | T | E | E | L | S | J |
E | N | A | N | O | E | P | I | T | L | R | Y |
G | A | N | U | J | D | R | A | G | D | T | A |
N | T | A | R | P | O | A | P | U | E | P | Y |
A | S | N | A | E | N | J | D | I | Y | S | K |
S | M | H | V | L | I | A | J | H | S | K | G |
प्रश्न उत्तर (i) वस्त्र, चीनी, वनस्पति तेल तथा रोपण उद्योग जो कृषि से कच्चा माल प्राप्त करते हैं उन्हें कहते हैं …. AGRO BASED (ii) चीनी उद्योग में प्रयुक्त होने वाला कच्चा पदार्थ। SUGARCANE (iii) इस रेशे को गोल्डन फाइबर(golden fibre) भी कहते हैं । JUTE (iv) लौह- अयस्क, कोकिंग कोयला तथा चूना पत्थर इस उद्योग के प्रमुख कच्चे माल हैं। IRON STEEL (v) छत्तीसगढ़ में स्थित सार्वजनिक क्षेत्र का लोहा- इस्पात उद्योग। BHILAI (vi) उत्तर प्रदेश में इस स्थान पर डीजल रेलवे इंजन बनाए जाते हैं। VARANASI