2.प्रदूषण के परिवहित एवं विसरित होने के आधार पर प्रदूषण को किन चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है?
3. जल प्रदूषण के कोई दो स्रोत बताएँ?
4. सर्वाधिक जल प्रदूषक 3 उद्योग बताएँ।
5.प्रदूषित जल से होने वाले दो जल जनित बीमारियाँ बताएँ।
6. नमामि गंगे कार्यक्रम किस नदी से संबंधित है?
7.’विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट दर्शाती हैं कि भारत में लगभग एक चौथाई संचारी रोग जल जनित होते हैं।’ सही या गलत?
8.नमामि गंगे कार्यक्रम के कोई चार उद्देश्य बताएँ।
9.धूम्र कोहरा तथा अम्लीय वर्षा किस प्रदूषण का परिणाम है?
10.वायु प्रदूषण के कारण किस प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं?
11. ध्वनि प्रदूषण के कोई दो स्रोत बताएँ।
12. ध्वनि या शोर के स्तर को किस इकाई मापते हैं?
13. नगरीय कूड़ा- करकट, रद्दी, कबाड़ मुख्यतः किन दो स्रोतों से निकलता है?
14. नगरीय अपशिष्ट के सही निपटान न होने से क्या समस्याएँ हो सकती हैं?
15.नगरीय अपशिष्ट के सही निपटान के दो तरीके बताएँ।
(Answers-Set1)
मुख्य रूप से मानवीय क्रियाकलापों से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम।
जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण।
(1)उद्योगों से निकलने वाला अपशिष्ट। (2)कृषि में प्रयोग होने वाले उर्वरक, कीटनाशक व खरपतवार नाशक। (3)वाहित मल निपटान आदि।
चमड़ा उद्योग, लुगदी एवं कागज उद्योग, वस्त्र उद्योग, रसायन उद्योग।
डायरिया, हेपेटाइटिस, आँतो के कृमि।
गंगा नदी।
सही।
नमामि गंगे योजना के उद्देश्य- (क) शहरों में सीवर ट्रीटमेंट की व्यवस्था कराना। (ख) नदियों के किनारे वनीकरण जिससे जैव विविधता में वृद्धि हो। (ग) औद्योगिक प्रवाह की निगरानी। (घ) नदियों के तल की सफाई (ड़) उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में गंगा ग्राम विकसित करना।
वायु प्रदूषण।
श्वसन तंत्र, तंत्रिका तंत्र और रक्त संचार तंत्र संबंधी बीमारियाँ।
उद्योग, मशीनीकृत निर्माण एवं तोड़- फोड़, परिवहन के साधन जैसे वायुयान/ रेल गाड़ी/अन्य वाहन, सायरन, लाउडस्पीकर आदि।
डेसीबल में।
(1) घरों से (2) व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से।
(क) टाइफाइड, गलघोंटू, दस्त, हैजा जैसी बीमारियों के होने का खतरा। (ख) भूमि, जल तथा वायु प्रदूषण का कारण। (ग) कूड़े कचरे का सही निस्तारण न होने के कारण विवाद/झगड़े होना।
(क) ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कूड़े- कचरे का इस्तेमाल। (ख) कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार करना। (ग) धातु/प्लास्टिक/कागज आदि की रद्दी का पुनर्चक्रण में इस्तेमाल करना।
(Questions-Set2)
1. तलचर कोयला क्षेत्र किस राज्य में है?
2. एशिया की विशालतम बस्ती धारावी कहाँ है?
3.धारावी की मुख्य सड़क को क्या कहा जाता है?
4.धारावी में बनने वाले कुछ ऐसे उत्पाद जो भारत और दुनिया भर में लोगों द्वारा खरीदे जाते हैं?
5.’धारावी वस्तुतः सागर का हिस्सा है जो व्यापक रूप से कचरे से भरी गई जगह पर है….।’सही या गलत।
6. ग्रामीण-नगरीय प्रवास में पुरुषों की प्रधानता होती है। क्यों?
7. नगरों में झुग्गी बस्तियों या गंदी बस्तियों के बनने के पीछे कोई दो कारण बताएँ।
8. गंदी बस्तियों की कोई दो समस्या बताएँ।
9. भारत सरकार द्वारा कौन सा मिशन शहरी गंदी बस्तियों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है?
10. भू- निम्नीकरण क्या है?
11.भू निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी प्राकृतिक तथा मानव जनित प्रक्रियाओं के उदाहरण दीजिए।
12.देश के पांच सबसे पिछड़े जिलों में शामिल मध्यप्रदेश का झाबुआ जिले ने किस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है?
13. पेटलावाड़ विकासखंड किस जिले का हिस्सा है?
14. पेटलावाड़ विकासखंड के कारावट गाँव के सतरूंडी बस्ती में रहने वाले भील समुदाय ने किस प्रकार चरागाह विकसित किए?
15. मेरठ के निकट दौराला में पारिस्थितिकी पुनर्भरण के लिए किए गए कोई दो प्रयास बताएँ।
(Answers-Set2)
ओडिशा में।
मुंबई में।
नाइंटीफुट रोड।
मिट्टी के बर्तन, कसीदाकारी व जरी का काम, चमड़े का सामान, लकड़ी की पच्चीकारी तथा फर्नीचर आदि।
सही।
मुख्य रूप से रोजगार के लिए होने वाले इस प्रवास में पुरुषों की प्रधानता मिलती है क्योंकि गंतव्य स्थल पर मजदूरी कम मिलने, रहन-सहन, आने- जाने की असुविधा रहती है। महिलाओं को घर पर ही छोड़ दिया जाता है ताकि वह बच्चों, बड़े- बुजुर्गों की देखभाल कर सकें।
(1)नगरीय क्षेत्रों में जमीन महँगी होना या अधिक किराया होना। (2) आजीविका या रोजगार का अनिश्चित होना जिससे आय निश्चित नहीं रहती है। (3) परिवारों का आकार बड़ा होने या पारिवारिक दायित्व अधिक होने के कारण बचत कम होना।
(1)मूलभूत सुविधाओं की अत्यंत कमी (2)अल्प पोषण तथा बीमारियों का खतरा (3)नशे तथा अपराध की समस्या (4) बच्चों की उचित शिक्षा न होना।
स्वच्छ भारत मिशन।
प्राकृतिक या मानवीय कारणों से स्थायी या अस्थायी रूप से भूमि की उर्वरता का नष्ट होना भू-निम्नीकरण कहलाता है।
प्राकृतिक – मृदा अपरदन, खड्ड एवं बीहड़ बनना, लवणता, क्षारीयता। मानवीय – स्थानांतरित कृषि, जल आक्रांतता, अति सिंचाई के कारण लवणता, औद्योगिक क्रियाकलाप।
जल संभर प्रबंधन कार्यक्रम।
झाबुआ जिला (मध्य प्रदेश)
प्रत्येक परिवार ने एक पेड़ लगाया और उसे अनुरक्षित किया। प्रत्येक परिवार ने चरागाह भूमि पर चारा घास को बोया और कम से कम 2 वर्ष तक उसकी घेराबंदी की। खुली चराई की अनुमति नहीं दी गई।
गाँव के तालाब से कीचड़ साफ करके उसे पानी से भर दिया गया। जगह- जगह वर्षा जल संग्रहण के ढांचे बनाए गए। हजारों वृक्ष भी लगाए गए।